Shodashi No Further a Mystery

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The Mahavidyas certainly are a profound expression on the divine feminine, Each individual symbolizing a cosmic purpose and a path to spiritual enlightenment.

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।

By far the most revered between these may be the 'Shodashi Mantra', and that is mentioned to grant both equally worldly pleasures and spiritual liberation.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥४॥

ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं  सौः

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।

Devotees of Shodashi have interaction in many spiritual disciplines that aim to harmonize the brain and senses, aligning them Along with the divine consciousness. The following points outline the development toward Moksha through devotion to Shodashi:

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

Philosophically, she symbolizes the spiritual get more info journey from ignorance to enlightenment and is particularly affiliated with the supreme cosmic electrical power.

Her purpose transcends the mere granting of worldly pleasures and extends on the purification with the soul, leading to spiritual enlightenment.

कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया

The person who does this Sadhana becomes like Cupid (Shodashi Mahavidya). He is converted right into a rich, preferred among the Ladies and blessed with son. He will get the caliber of hypnotism and achieves the self electricity.

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